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सामान्य हिन्दी, राज्य का सामान्य ज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति

दिनांक २९-०४-२०१२ को हुए कृर्षि पर्यवेक्षक परिक्षा का सोल्वड प्रथम प्रशन पत्र

१. " आरोह " का उपयुक्त विलोम - अवरोह​
२. जो तीनो कालो को जानता हो - त्रिकालज्ञ​
३. अपनी इच्छा से दुसरो की सेवा करने वाला - स्वयंसेवक​
४. रात्रि होने से पुर्व के समय को कहते है - प्रदोष काल​
५. " घर की मुर्गी दाल बराबर " मुहावरे का अर्थ है - अपने आदमी को कम महत्व देना
६. " मुसीबत के समय थोडी सहायता भी बहुत है " का भव है - डुबते को तिन्के का सहारा
७. " ध्यान न देना " इस भाव का मुहावरा है - आँख उठाकर न देखना
८. " गंगा लाभ होना " का सही वाक्य प्रयोग है - हरिद्वार से गंगा जल लाकर उसने गंगा लाभ करवा दिया
९. " अपने अलावा किसी से मतलब न रखना " के लिये उपयुक्त कहावत है - ना उधो का लेना न माधो का देना
१०. राजस्थान भारत के कौन से भाग मे स्थित है ? - उत्तरी पश्चिमी भाग मे
११. नाली कहते है - घग्घर नदी के पाट को
१२. राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी भाग मे शीतकालीन वर्षा को कहते है - मावठ​
१३. रेगिस्तान मे उत्पन्न वायुभंवर कहलता है - भूभूल्या
१४. राजस्थान के सर्वाधिक क्षेत्रफ़ल मे बोई जाने वाली फ़सल है - बाजरा
१५. ताम्रवती नगरी किसे कहा गया है - आहड को
१६. कालीबंगा सभ्यता किस नदी के समीप विकसित हुई ? - सरस्वती
१७. " संतो क शिखर " किस चोती को कहा गया है - गुरु शिखर को
१८. कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान का नाम रखा था - रायथान​
१९. राजस्थान मे १८५७ की क्रान्ति कहाँ हुई थी ? - नसीराबाद मे
२०. विजय सिह पथिक ने किस आन्दोलन का नेतृत्व किया था ? - बिजौलिया किसान आन्दोलन का
२१. राजस्थान का प्रवेश द्वार है - भरतपुर​
२२. राजस्थान साहित्य अकादमी स्थित है - उदयपुर मे
२३. जन्तर मन्तर है - वेधशाला
२४. वर्धमान विद्धालय के संस्थापक है - अर्जुन लाल सेठी
२५. राजस्थान का सबसे बडा जिला है - जैसलमेर​
शेष अगले भाग मे...

3 comments:

  1. " अपने अलावा किसी से मतलब न रखना " के लिये उपयुक्त कहावत है - ना उधो का लेना न माधो का देना "कोई नृप होऊ हमें का हानि" का अर्थ होता है - आस पास होने वाले परिवर्तनों के प्रति उदासीन होना (रेफरेंस - डॉ राघव प्रकाश सामान्य हिंदी )

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  2. हमारे पाठक कितने सजग है..ये जानने कि हमारी कोशिश रंग लायी। धन्यवाद पान्डे जी...

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  3. "गंगा लाभ होना " मुहावरे का अर्थ "मृत्यु को प्राप्त होना" होता है अतः इसका सही वाक्य प्रयोग है - "मृत्यु शैया पर कष्ट भोगते हुए आज उसे गंगा लाभ हो गया " मुहावरे का अर्थ जानने हेतु निम्न लिंक पर जाये http://bsprachar.org/home.php?mean=33418

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