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भारत का संविधनिक विकास की यात्रा-1

१. संविधान शब्द कि उत्पति लैटिन शब्द " कान्स्टीट्यूरे " से हुई है, जिसका अर्थ प्रबंध करना या व्यवस्था करना या आयोजन करना होता है ।
२. वर्ष १८९५ ई. में बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज्य विधेयक का प्रारुप प्रस्तुत किया , उसके बाद वर्ष १९२२ ई. में महात्मा गाँधी तथा वर्ष १९३४ में जवाहर लाल नेहरु ने भारतीय संविधान के निर्माण के लिये संविधान सभा के गठन कि मांग की ।
३. भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल १६०० ई. से प्रारम्भ होत है, इसी वर्ष इंग्लैण्ड में ईस्ट इण्डिया कंपनी की स्थापना हुई थी ।
४. ईस्ट इण्डिया कंपनी की स्थापना एक चार्टर द्वारा की गयी थी । कंपनी के प्रबन्धन की समस्त शक्ति गवर्नर तथा २४ सदस्यीय परिषद मे निहित थी ।
५. वर्ष १७२६ के चार्टर द्वार कलकत्ता, बोम्बे और मद्रास प्रेसीडेन्सियों के राज्यपाल एवं उनकी परिषद को विधायी अधिकार प्रदान किय गया ।
६. वर्ष १८३३ के राजलेख द्वारा देश मे केन्द्रिय शासन प्रणाली की शुरुआत हुई, बंगाल के गवर्नर जनरल को संपुर्ण भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया, इसी परिणाम स्वरुप प्रथम विधि आयोग की स्थापना हुई ।
७. १८५३ के राज लेख द्वारा एक पृथक विधान परिषद की स्थापन की ग​ई ।
८. वर्ष १८५८ के अधिनियम द्वार भारत का शासन इंग्लैण्ड़ के साम्राट के नाम से किय जाने लगा ।
९. वर्ष १८६१ के भारत परिषद अधिनियम द्वारा भारत परिषद को विधायी संस्था बनाया गया तथा उसे भारतीय संदर्भ में कानून बनाने क अधिकार दिय गया ।
१०. वर्ष १८७६ के शाही उपाधि अधिनियम द्वारा औपचारिक रुप से भारत सरकार का ब्रिटिश सरकार को अन्तरण मान्य किया गया तथा २८ अप्रैल​,१८७६ को एक घोषणा द्वारा महारानी विक्टोरिया को भारत की महारानी घोषित किया गया ।
लगातार​....

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